Routers
- Introduction to routers in Hindi
- Protocols used with routers in Hindi
- Working of routers in Hindi
Introduction to routers
जैसे की मैने आपको बताया routers network layer devices होते है। Network layer पर data को packets के नाम से जाना जाता है। Routers packets को एक network से दूसरे network में forwarding का काम करते है। Routers भी address table maintain करते है।Routers किसी packet को destination network में भेजता है ना की destination host को। उदाहरण के लिए कोई host किसी दूसरे host को data भेज रहा है जो की दूसरे network में है। Router का इस situation में सिर्फ इतना role है की वो data को दूसरे network में भेजता है। इसके बाद data को host तक पहुचाने की जिम्मेदारी स्विच की होती है।
जैसे की मैने आपको पहले बताया routers routing tables maintain करते है। एक simple routing टेबल में एक packet की final destination network का IP address होता है, next network का IP address होता है, और routing metrics होती है।
Final destination network वो network होता है जिसमे destination host होता है जिसके लिए data भेजा गया है। Next network वो network होता है तो जो source network और destination network के बीच होता है। ऐसे networks को next hop भी कहते है। और routing metrics final network तक shortest path find करने के लिए यूज़ की जाती है।
एक routing table इस प्रकार हो सकती है -
Protocols
Routers data को किसी network में forward करने के लिए 2 तरह के protocols यूज़ करते है।- Routed protocols - इस तरह में हर device को manually एक IP address दिया जाता है। तब ही devices एक दूसरे की location को जान पाते है। इस तरह के protocol का उदाहरण IP (Internet Protocol) है। इस तरह के protocols के माध्यम से data भेजा जाता है।
- Routing protocols - इस तरह के protocols routers के बीच में यूज़ होते है। इनकी मदद से routers अपनी routing tables को update करते है। जब किसी router को किसी नए network की जानकारी मिलती है तो वो इसे अपनी routing table में update कर लेता है। और ये information दूसरे routers के पास automatically routing protocols के मदद से update हो जाती है। Routing protocols के उदाहरण में मुख्य नाम EIGRP, RIP और OSPF है।
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